चुराह में गड़बड़ाईं स्वास्थ्य सेवाएं


तीसा : विधानसभा क्षेत्र चुराह में बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं देने के दावे खोखले ही साबित हो रहे हैं। यहां ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए खोले गए स्वास्थ्य उपकेंद्रों में स्टाफ की कमी मरीजों का मर्ज बढ़ा रही है। स्वास्थ्य उपकेंद्रों में उपचार के लिए आने वाले मरीजों को स्वास्थ्य लाभ न मिलने पर मजबूरन मीलों सफर तय कर सिविल अस्पताल तीसा का रुख करना पड़ता है। गौरतलब है कि विधानसभा क्षेत्र चुराह में ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए 18 स्वास्थ्य उपकेंद्र खोले गए हैं। इनमें से 7 स्वास्थ्य उपकेंद्रों में स्टाफ ही नहीं है। यहां पर प्रतिनियुक्ति पर ही व्यवस्था चलाने की कोशिश की जा रही है। इनमें स्वास्थ्य उपकेंद्र चरड़ा, भराड़ा, गडफरी, थल्ली, गनेड़, चरोड़ी और सनवाल शामिल हैं। इनमें 14 पुरुष स्वास्थ्य कर्मियों और 9 महिला स्वास्थ्य कर्मियों के पद एक दशक से खाली हैं। विभागीय नियमानुसार प्रत्येक स्वास्थ्य उपकेंद्र पर एक पुरुष और एक महिला स्वास्थ्य कर्मी तैनात करने की व्यवस्था है। बावजूद यहां पर हालात ऐसे बने हुए हैं कि स्टाफ को पूरा कर पाना विभाग के लिए भी बड़ी चुनौती बना हुआ है। सरकार के घरद्वार स्वास्थ्य सेवाएं देने की पोल चुराह विधानसभा क्षेत्र में खुल रही है।

ग्रामीणों लेखराज, अंबिया राम, हाकम चंद, नरेश कुमार, प्रीतम चंद, जगदीश, उमेश कुमार, रमेश कुमार, प्रवीन कुमार, योगराज आदि ने बताया कि क्षेत्र के लोगों को सर्दी-जुकाम और बुखार की दवाई लेने के लिए भी कई किलोमीटर का सफर तय कर सिविल अस्पताल तीसा का रुख करना पड़ता है। वहीं स्वास्थ्य उपकेंद्रों में स्टाफ की कमी से स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाएं धरातल तक नहीं पहुंच रही हैं। वहीं जच्चा-बच्चा कार्यक्रम से संबंधित समस्त कार्यक्रम भी समय पर पूरे नहीं हो पाते हैं। इससे गर्भवती महिलाओं को दो-चार होना पड़ रहा है। खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. ऋषि पुरी ने बताया कि स्वास्थ्य उपकेंद्रों में रिक्त पदों के बारे में विभागीय आलाधिकारियों को अवगत करवाया गया है

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